है मेरी जंग मेरे लश्कर से
क़ुर्बानी देने वालों को कोइ तमग़ा या एजाज़ नहीं मिलता
उस से सदा सिफ् क़ुरबानी की तवकका की जाती है
बड़े खलूस से दुनिया फ़रेब देती है
बड़े वसूक से हम ऐतबार करते हैं
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