हुसैन अंसारी के आवास पर मशहूर शाईर अज़ीज़ शाजहंपुरी का ग़ज़ल संग्रह " एजाज़े-सुखन " और रौनक मुस्सविर आरफी का ग़ज़ल संग्रह "बाजयाफ्ता " का विमोचन डॉक्टर सग़ीर अहमद अंसारी और स्वेडेन से आये मुख्य अतिथि अखलाक हुसैन अंसारी ने किया . अदबी तंजीम इदराक के अधय्छ सघर वारसी और असग़र यासिर ने इस मौके पर मुबारकबाद दी और एक मुशैरा भ मुनकिद हुआ.
यूँ तो हमदर्द बेशुमार मिले , काश अब कोई गम-गुसार मिले...............अज़ीज़ सेथली
शिकस्त खा गई हालात से अना मेरी ,ज़रूरतों ने सवाली बना दिया मुझको ..........अज़ीज़ शाहजहांपुरी
फिर तेरी याद ने शहर -जाँ में हंगामा किया ,
फिर तस्सवुर में तेरी तस्वीर रोशन हो गई ....................रौनक मुस्सविर
समंदर में उतरना चाहते हैं , ये दरया आज मरना चाहते हैं ........अख्तर शाहजहांपुरी
क्या पलट कर कभी में नहीं आऊंगा , शहर का शहर है महरबान किसलिए ...असगर यासिर
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