जनाब महबूब शाहजहांपुरी कल २४/०७/२०१३ को हम सब को छोड़ कर अपने मालिक हकीकी से जा
मिले . ये खबर आग की तरह शाहजहांपुर में फैल गई और रमजान शरीफ का मुबारक महीना जो की बहुत ही मसरूफियत का महीना है फिर भी देर रात तक उनके घर पे आने वालों का सिलसिला चलता रहा । महबूब भाई १५-१६ साल पहले OCF शाहजहांपुर से रिटायर होने के बाद खलील घरबी में, अपने परिवार के साथ रह रहे थे करीब एक साल पहले उनकी बेगम का भी इन्तेकाल हो गया था वैसे वो एक भरे पूरे खानदान के साथ रहते थे
हम सब की दुआ है की इस मुबारक माह की बरकत से उनको जन्नत मैं आला मुकाम अता करे और वारिसों को सब्र दे
उनके अशार तो शाहजहांपुर के अदबी हल्के में मकबूल हैं मगर उनका कोई मजमुआ नहीं शाया हो पाया था
मिले . ये खबर आग की तरह शाहजहांपुर में फैल गई और रमजान शरीफ का मुबारक महीना जो की बहुत ही मसरूफियत का महीना है फिर भी देर रात तक उनके घर पे आने वालों का सिलसिला चलता रहा । महबूब भाई १५-१६ साल पहले OCF शाहजहांपुर से रिटायर होने के बाद खलील घरबी में, अपने परिवार के साथ रह रहे थे करीब एक साल पहले उनकी बेगम का भी इन्तेकाल हो गया था वैसे वो एक भरे पूरे खानदान के साथ रहते थे
हम सब की दुआ है की इस मुबारक माह की बरकत से उनको जन्नत मैं आला मुकाम अता करे और वारिसों को सब्र दे
उनके अशार तो शाहजहांपुर के अदबी हल्के में मकबूल हैं मगर उनका कोई मजमुआ नहीं शाया हो पाया था
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